Kumbh Mela
सिंहे गुरुस्तथाभानु: चंद्रश्चंद्रक्षयस्तथा ।
गोदावर्यां भवैत्कुंभ जायतेऽवनि मण्डले ।।
सिंहस्थ कुंभ महापर्व हर बारा साल में एक बार आता है । इस समय त्र्यंबकेश्वर क्षेत्र की यात्रा तुा तिर्थराज कुशावर्त कुंड मे गंगापूजन, प्रायश्चीत्त स्नान करना चाहीये । अपने पितरों के नाम से तिर्थ श्राद्ध कुंभ दान तुा सुवर्ण की ब्रहस्पती की मुर्ती (सव्वा ग्राम) का पूजन करके दान करना चाहिये । जिससे अपने समस्त पातकों का नाश होके अपना शरीर तुा अंत:करण शुद्ध होता है । और अपने पितरोंको मुक्ती प्राप्त होती है । बृहस्पतीका दान करनेसे सर्व ग्रहों का दोष परीहार होके इच्छीत कार्योंमे यश प्राप्त होता है ।
सिंहस्थे तु समायाते नद्यस्तीर्थानि देवता: ।
तीर्थ राजे कुशा वर्ते स्नातुमायांति यत्नत: ।
त्र्यंबकक्षेत्रमेवात: सिंहस्थेतु विशिष्यते ।
यत्र गोदा समुद्भुता सर्व पापा प्रणाशिनी ।
इस पूजा को विधीवत्करने हेतूसंपर्क :-
पं. योगेश शुक्ल :- ०२५९४-२३३२५०, २३३७५७
पं.सचिन शुक्ल (ज्यो.शास्त्री) :- ०९८२२८२००७५ / ७५८८२३३२५०